बेसिक शिक्षा और विद्युत विभाग के अफसरों की उदासीनता की वजह से जुलाई में
खुल रहे परिषदीय विद्यालयों के बच्चों को कक्षाओं में फिर भीषण गर्मी ङोलनी
पड़ेगी। सभी प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में वायरिंग, पंखे लगाने और विद्युतीकरण के काम पूरे नहीं हो सके हैं जिससे बच्चों को
उमस वाली गर्मी में ही अध्ययन करना पड़ेगा।
परिषदीय विद्यालयों में अध्ययनरत कक्षा एक से आठ तक के बच्चों की सुविधा के
लिए स्कूलों में विद्युतीकरण के साथ पंखे लगाने के लिए मार्च माह में ही शासन ने
बजट जारी कर दिया था। इस काम के लिए जिले के प्रत्येक विद्यालय के हिसाब से 21-21 हजार रुपये
आवंटित किए गए थे जिसमें से 15
हजार रुपये
वायरिंग, कनेक्शन व
छह हजार रुपये पंखे लगाने में खर्च किए जाने हैं।
हालांकि जिले के 3478
विद्यालयों
के सापेक्ष करीब 50
फीसद
स्कूलों में ही वायरिंग और पंखे लगाने के काम हो सके हैं। बाकी विद्यालयों में
चयनित फर्मे काम पूरा नहीं करा सकी हैं। जिन स्कूलों में वायरिंग और पंखे लग भी गए
हैं, उसमें से
ज्यादातर में विद्युत विभाग कनेक्शन ही नहीं दे सका है। कहा जा रहा है कि कनेक्शन
देने के लिए विद्युत विभाग को पैसा भी दिया जा चुका है, फिर भी
अफसर इस कार्य को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। यही नहीं, फर्मो के
चयन में भी बेसिक शिक्षा विभाग के अफसरों की ओर से देरी की गई थी, जिससे चार
महीने में लगभग आधा काम ही हो सका। बाकी विद्यालयों में काम पूरे होते गर्मी लगभग
खत्म हो जाएगी।
जिले के 50
फीसद परिषदीय
विद्यालयों में ही वायरिंग-पंखे लगाने का हुआ काम
लोकसभा चुनाव के कारण वायरिंग और कनेक्शन करने का काम प्रभावित हुआ।
विद्युत विभाग की तरफ से भी दिक्कतें आ रही हैं। इसके लिए वार्ता की जा रही है।
कोशिश है कि जल्द से जल्द काम पूरे करा लिए जाएं।
-अनिल द्विवेदी, जिला
समन्वयक (निर्माण)