उत्तर
प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में चार भर्तियों का विवाद सुप्रीम कोर्ट
पहुंच गया है। अभ्यर्थियों की याचिकाओं पर हाईकोर्ट ने खाली पदों पर भर्ती का आदेश
दिया था। लेकिन प्रदेश सरकार ने भर्ती करने की बजाय हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ
सर्वोच्च न्यायालय में एसएलपी दायर कर दी है।
इनमें उच्च प्राथमिक स्कूलों
में 32 हजार 22 अंशकालिक अनुदेशकों और प्राथमिक स्कूलों में उर्दू विषय के चार
हजार सहायक अध्यापकों की भर्ती शुरू नहीं हो सकी है। जबकि 12 हजार 460 और 16 हजार 448 सहायक
अध्यापक भर्ती के रिक्त पदों को भरने का मामला है। इसी के साथ उच्च प्राथमिक
स्कूलों में विज्ञान व गणित विषय के 29 हजार 334 सहायक अध्यापकों की सीधी भर्ती का
विवाद भी सुप्रीम कोर्ट के विचाराधीन है। फिलहाल इन भर्तियों के लिए आवेदन करने
वाले लाखों बेरोजगार सड़क की ठोकरें खा रहे हैं।
32 हजार 22 अंशकालिक अनुदेशक: शारीरिक
शिक्षा विषय के 32
हजार 22 अंशकालिक अनुदेशकों की भर्ती के लिए सपा शासनकाल में आवेदन
लिए गए थे। 11
महीने के लिए सात हजार रुपये
मानदेय पर प्रस्तावित भर्ती के लिए 1.5 लाख से
अधिक बीपीएड,
सीपीएड और डीपीएड योग्यताधारी
अभ्यर्थियों ने ऑनलाइन आवेदन किया था। 4 से 9 अप्रैल 2017 तक
काउंसिलिंग होनी थी लेकिन 23 मार्च 2017 को ही सरकार ने भर्ती पर रोक लगा दी
थी।
4000 उर्दू शिक्षक: परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में उर्दू विषय के 4000 सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए भी
सपा शासनकाल में दिसंबर 2016 में
प्रक्रिया शुरू हुई थी। लेकिन यह भी 23 मार्च 2017 को रोक दी गई थी। यह मामला भी
सर्वोच्च न्यायालय में पहुंचा है। इससे पूर्व 17 अगस्त 2013 में शुरू
हुई उर्दू विषय के 4,280 सहायक
अध्यापक भर्ती में 2341 पद भरे
गए थे।
12 हजार 460 सहायक अध्यापक: इस भर्ती के लिए भी दिसंबर 2016 में प्रक्रिया शुरू हुई थी। इसमें कई
जिलों में शून्य पद थे। शून्य पद वाले जिले के अभ्यर्थियों को दूसरे जिलों में
आवेदन का मौका दिया गया लेकिन दूसरे जिले के अभ्यर्थियों ने यह कहते हुए हाईकोर्ट
में याचिका कर दी की इससे उनके अवसर कम हो जाएंगे। इस भर्ती के तहत पहली
काउंसिलिंग में तकरीबन 5900 पद ही
भरे जा सके थे। उसके बाद से यह विवाद में न्यायालय में लंबित है और बचे हुए 6500 से अधिक पदों पर नियुक्ति नहीं हो सकी
है।
16 हजार 448 सहायक अध्यापक: परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में 16448 सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए 16 जून 2016 को
प्रक्रिया शुरू हुई थी। तमाम अभ्यर्थी ऐसे थे जिन्होंने नियुक्ति पत्र जारी होने
के बाद ज्वाईन नहीं किया था। इसमें तकरीबन 500 पद खाली
रह गए थे। इन खाली पदों पर भर्ती के लिए अभ्यर्थियों ने याचिका की थी जो अभी
विचाराधीन है।