Thursday, June 13, 2019

संदेह के घेरे में: सूबे के 1000 शिक्षकों पर लटकी तलवार

  • संस्कृत विवि ने 27 जिलों को भेजी रिपोर्ट, 500 अंकपत्र मिले जाली
  • 38 जिलों का सत्यापन लंबित, कई प्रमाणपत्र फर्जी मिलने की आशंका परीक्षाओं में कर्मचारियों के उलङो होने के कारण सत्यापन रिपोर्ट भेजने में देरी हुई। परीक्षाएं खत्म होते ही कर्मचारियों की संख्या बढ़ा दी गई है। वहीं एसआइटी के सभी ¨बदुओं पर जवाब तैयार कराया जा रहा है। जल्द ही जवाब भेज दिया जाएगा। -विशेश्वर प्रसाद, परीक्षा नियंत्रक


वाराणसी : विशेष अनुसंधान दल (एसआइटी) बेसिक शिक्षा विभाग के अध्यापकों के अंकपत्रों व प्रमाणपत्रों का नए सिरे से सत्यापन करा रही है। सत्यापन के लिए 65 जिलों के करीब आठ हजार अध्यापकों के अंकपत्र की छायाप्रति एसआइटी ने संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय भेजी है। विश्वविद्यालय ने 27 जिलों का सत्यापन रिपोर्ट भेज भी दी है। इसमें करीब 500 अध्यापकों के अंकपत्र फर्जी मिले हैं। सभी 65 जिलों में करीब 1000 शिक्षकों के अंकपत्र व प्रमाणपत्र जाली मिलने की संभावना जताई जा रही है। ऐसे में एसआइटी के रडार पर फर्जीगिरी करने वाले करीब 1000 शिक्षक हैं। इनका बर्खास्त होना लगभग तय है। साथ ही उनके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई भी हो सकती है।
परिषदीय विद्यालयों में वर्ष 2004 से 2014 के बीच बड़े पैमाने पर अध्यापकों की नियुक्ति हुई। इसमें बड़ी संख्या में संस्कृत विवि के डिग्रीधारी अभ्यर्थियों का चयन हुआ। वहीं विवि ने एक ही अंकपत्रों की भिन्न-भिन्न सत्यापन रिपोर्ट दी। पहले अंकपत्र को वैध बताया गया वहीं दूसरी बार उसे फर्जी करार दिया गया। बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा को देखते हुए शासन ने इसकी जांच एसआइटी को सौंप दी। अब एसआइटी संस्कृत विवि की उपाधि पर पिछले दस वर्षो में नियुक्ति अध्यापकों का नए सिरे से जांच करा रहा है। वहीं एक साल बीत जाने के बाद 38 जिलों के अध्यापकों के अंकपत्रों का सत्यापन नहीं हो सका है जबकि इस संबंध में एसआइटी 13 बार स्मरण पत्र भेज चुकी है।
दस वर्ष का मांगा रिकार्ड: एसआइटी ने वर्ष 2004 से 2014 के मध्य अंकपत्रों के किए गए सत्यापन रिपोर्ट की प्रतिलिपि भी मांगी है। साथ ही यह भी पूछा है कि अंकपत्र सही पाए जाने पर क्या अभिलेख की क्रास चैकिंग की गई है।
परीक्षा अभिलेखों में हेराफेरी: विवि ने जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान, बरेली, बागपत, रायबरेली को प्रेषित सत्यापन रिपोर्ट में अभिलेखों में कटिंग व पेज बदले जाने का उल्लेख किया है। इसे देखते हुए अभिलेखों की हेराफेरी की जांच कर रही एसआइटी ने संस्कृत विवि से तमाम ¨बदुओं पर जानकारी मांगी है। इसके अलावा जवाबदेही और अब तक हुई कार्रवाई की भी रिपोर्ट विवि से उपलब्ध कराने को कहा गया है। दूसरी तरफ विवि जवाब देने में हीलाहवाली कर रहा है।
शिक्षकों के रिक्त पदों पर भी होगी समीक्षा : शिक्षा की गुणवत्ता की समीक्षा के लिए 14 जून को लखनऊ में बैठक बुलाई गई है। बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेंगे। बैठक में विश्वविद्यालयों के कुलसचिव, सभी जेडी, डीआइओएस व बीएसए बुलाए गए हैं। इसमें शिक्षा की गुणवत्ता, नामांकन, संसाधन, शिक्षकों के रिक्त पदों की संख्या, शुल्क निर्धारण, रिजल्ट, लंबित मुकदमों की स्थिति आदि मुद्दो पर विमर्श होने की संभावना है।