यूपी: अब बीटीसी
कॉलेज खोलना मुश्किल
शुक्रवार, 6 दिसंबर 2013 लखनऊ Updated @ 12:10 PM IST
प्रदेश में निजी बीटीसी कॉलेज खोलना
अब आसान नहीं होगा। कॉलेज प्रबंधन को पहले मानक पूरे करने होंगे और इसके बाद
संबद्धता के लिए आवेदन करना होगा।
इसके बाद भी निजी बीटीसी कॉलेजों को संबद्धता प्रमाण तब दिया जाएगा कि जब वे सभी मानक पूरे होने का प्रमाण पत्र देंगे।
बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी ने इस संबंध में अधिकारियों को निर्देश दे दिए हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य समिति की संस्तुति पर 67 कॉलेजों को संबद्धता प्रमाण पत्र जारी करने से पहले अनिवार्य रूप से शपथ पत्र ले लिया जाए।
उत्तर प्रदेश में वर्ष 2009 से हाईकोर्ट के आदेश पर राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद से मान्यता लेने वाले संस्थाओं को संबद्धता देने की प्रक्रिया शुरू की गई है। प्रदेश में मौजूदा समय 524 निजी कॉलेज चल रहे हैं। राज्य समिति ने 67 और कॉलेजों को संबद्धता देने का प्रस्ताव शासन को भेजा था।
बेसिक शिक्षा मंत्री ने कॉलेजों को शर्तों के आधार पर संबद्धता देने की अनुमति दी है।
राम गोविंद चौधरी ने कहा है कि संबद्धता प्रमाण पत्र जारी करने से पहले कॉलेजों से शपथ पत्र लिया जाएगा कि वे सभी मानक पूरे कर चुके हैं।
इसके बाद शासन व निदेशालय स्तर के अधिकारियों को मौके पर भेजकर इसकी जांच कराई जाएगी। जांच में यदि कोई कमी मिली तो संबंधित कॉलेजों की संबद्धता रद्द कर दी जाएगी।
उनके निर्देश के आधार पर राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) से कॉलेज प्रबंधन से शपथ लेने को कहा गया है।
इसके बाद भी निजी बीटीसी कॉलेजों को संबद्धता प्रमाण तब दिया जाएगा कि जब वे सभी मानक पूरे होने का प्रमाण पत्र देंगे।
बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी ने इस संबंध में अधिकारियों को निर्देश दे दिए हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य समिति की संस्तुति पर 67 कॉलेजों को संबद्धता प्रमाण पत्र जारी करने से पहले अनिवार्य रूप से शपथ पत्र ले लिया जाए।
उत्तर प्रदेश में वर्ष 2009 से हाईकोर्ट के आदेश पर राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद से मान्यता लेने वाले संस्थाओं को संबद्धता देने की प्रक्रिया शुरू की गई है। प्रदेश में मौजूदा समय 524 निजी कॉलेज चल रहे हैं। राज्य समिति ने 67 और कॉलेजों को संबद्धता देने का प्रस्ताव शासन को भेजा था।
बेसिक शिक्षा मंत्री ने कॉलेजों को शर्तों के आधार पर संबद्धता देने की अनुमति दी है।
राम गोविंद चौधरी ने कहा है कि संबद्धता प्रमाण पत्र जारी करने से पहले कॉलेजों से शपथ पत्र लिया जाएगा कि वे सभी मानक पूरे कर चुके हैं।
इसके बाद शासन व निदेशालय स्तर के अधिकारियों को मौके पर भेजकर इसकी जांच कराई जाएगी। जांच में यदि कोई कमी मिली तो संबंधित कॉलेजों की संबद्धता रद्द कर दी जाएगी।
उनके निर्देश के आधार पर राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) से कॉलेज प्रबंधन से शपथ लेने को कहा गया है।